माँ सो रही है
शायद थक गयी होगी
इस बार घर आने में थोडा ज़्यादा वख्त हुआ
माँ बूढ़ी हो रही है
शायद सब होते होंगे
मेरे जवां कदम तो मुझे काफी दूर ले गए हैं
माँ कम बोलती है आज कल
पहले डांटती बहोत थी
अब सिर्फ प्यार मिलता है
माँ इंतज़ार कर रही है मेरा
सामने हूँ पर अभी पहोंचा नहीं
दुआ है वख्त पर पहोंच जायुं
माँ ने शायद मेरी हसरत के आगे फिर घुटने टेक दिए
इस बार तो मैंने जिद भी नहीं की
माँ मै बात कर रहा हूँ तुझसे
सुनती रहना
शायद थक गयी होगी
इस बार घर आने में थोडा ज़्यादा वख्त हुआ
माँ बूढ़ी हो रही है
शायद सब होते होंगे
मेरे जवां कदम तो मुझे काफी दूर ले गए हैं
माँ कम बोलती है आज कल
पहले डांटती बहोत थी
अब सिर्फ प्यार मिलता है
माँ इंतज़ार कर रही है मेरा
सामने हूँ पर अभी पहोंचा नहीं
दुआ है वख्त पर पहोंच जायुं
माँ ने शायद मेरी हसरत के आगे फिर घुटने टेक दिए
इस बार तो मैंने जिद भी नहीं की
माँ मै बात कर रहा हूँ तुझसे
सुनती रहना
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