फितरत
ज़रा पूछो तो उससे
वो चाहता क्या है
मुझे तो वो नहीं बताएगा .
तुम नए हो ,अनजान हो
तुमसे ऐतराज़ नहीं जताएगा ।
मेरे सारे फन तो उसे मालूम हैं लेकिन
तुम्हारे झांसे में वो यक़ीनन आयेगा ।
समझदार है,नेक है वो ,ये गलती है उसकी
न जाने अनजाने में कितनो का फायदा कराएगा।
हर बार यकीं करेगा धोका खाने के लिए
और हर बार पावंदी से उसे कोई धोका खिलायेगा
ये फितरत बड़ी अजीब चीज़ होती है
फितरतन जो जैसा है उसे बदल न पायेगा
कुछ जानते हैं वो क्या हैं
और कुछ अनजान
तुम क्या हो वो तुम्हे वख्त बताएगा ।
वो चाहता क्या है
मुझे तो वो नहीं बताएगा .
तुम नए हो ,अनजान हो
तुमसे ऐतराज़ नहीं जताएगा ।
मेरे सारे फन तो उसे मालूम हैं लेकिन
तुम्हारे झांसे में वो यक़ीनन आयेगा ।
समझदार है,नेक है वो ,ये गलती है उसकी
न जाने अनजाने में कितनो का फायदा कराएगा।
हर बार यकीं करेगा धोका खाने के लिए
और हर बार पावंदी से उसे कोई धोका खिलायेगा
ये फितरत बड़ी अजीब चीज़ होती है
फितरतन जो जैसा है उसे बदल न पायेगा
कुछ जानते हैं वो क्या हैं
और कुछ अनजान
तुम क्या हो वो तुम्हे वख्त बताएगा ।
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