चकाचौंध से बचने का चश्मा खरीद कर
मै चौंधियाने की तय्यारियां कर रहा हूँ ,

असलियत से रूबरू होते होते
मै सपनों की सवारियां कर रहा हूँ ,

सपना है तो आंख एक दिन खुलनी ही है
इस रंगीन तस्वीर की नक्लियत धुलनी ही है..

Comments

Sonia said…
wah wah!

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