
खुश रहने की है बिमारी
खूब जानी है दुनियादारी
आगे बोलो कुछ और हो कहना
वरना फ़िर खामोश ही रहना
जिससे निभ जाए वो सबसे प्यारा
उसके बेमकसद लगाव पर हारा
दुनिया में खुशकिस्मत मै किस्मत से बना हूँ
वो कन्धा छुट जाए तो पल भर में फ़ना हूँ '
एक यकीं तो पुख्ता कर लिया है
अपना दामन उसके साथ से भर लिया है
जो न कभी था वो क्या कभी होगा
सुख तो असल में है मैंने भोगा
खुदा का शुक्र हमेशा है भेजा
तू ही देता है तू जब चाहे लेजा ....
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